Saturday, February 8, 2014

WOMEN IS.....

Women is.....guess what...? bcz it's a "thing" which can be guessed by anyone easily.....but you know? for someone it looks like whole world....oh no! too smart but that's not me that's all about others.....!!!

दुनिया मेँ प्रत्येक व्यक्ति के लिये स्त्री के मायनेँ अलग अलग होतेँ हैँ कोई इसे मन्जिल तक जाने वाले रास्तोँ की " धूल " की तरह कुचलता हुआ चला जाता है तो कोई ......इसे मन्जिल मानकर अपना सारा जीवन इसे पाने मेँ ही लगा देता है !!!

                                                                                                                                                                                                                         


Yun hi ...

डूब रही हैं साँसे मगर ये गुमान बाक़ी है
आने का किसी शख्स के अभी उम्मीद बाक़ी है

मुद्दत होयी एक शख्स को बिछ्ड़े लेकिन
आज तक मेरे दिल पे एक निशाँ बाक़ी है

वो आशियाँ छिन गया तो कोई गम नही
अभी तो मेरे सिर पे ये आसमान बाक़ी है

कश्ती ज़रा किनारे के करीब ही रखना
बिखरी हुई लहरों में अभी तूफान बाक़ी है

तुम्हारे ही अश्कों ने लब भर दिए वर्ना
अभी तो मेरे दुखों कि दास्ताँ बाक़ी है

गमों से कह दो कि अभी ना अपना सामान बांधें
कि अभी तो मरे जिस्म में कुछ ओर जान बाक़ी है……..

जा चुके हैं सब लोग खामोश पडी है बस्ती
मगर किसी आस पे…अभी कुछ सांस बाक़ी है…

Wednesday, May 30, 2012

" मैँ वहीँ हूँ "

 मैँ वहीँ हूँ :

कभी उन रास्तोँ पर जाना जहाँ
हम मिले थे ,
 तो
थोड़ी देर रुकना ,
 और सोँचना कि हम क्योँ मिले थे ?
 और फिर चल पड़ना , 
शायद जवाब न आये !!
 पर चलते रहना और ,
 थोड़ी देर के बाद फिर रुकना
 और सोँचना कि हम क्योँ अलग हुये ? 
और क्योँ तुम बिना कुछ बताये ही
 वापस आ गये मुझे छोड़कर आखिर क्योँ ?
 शायद इसका भी जवाब न आये 
पर तुम चलते रहना रुकना मत . . . . .. 
पर अब रुकना और सोँचना कि
 क्या तुमने सही किया था ?
और अब तुम्हेँ रुकना पड़ेगा 
जवाब न आने तक !!
अगर वो जवाब " न " है तो 
थोड़ा गौर से देखना उन रास्तोँ पर 
किसी के पैरोँ के निशान हैँ
 हाँ वो मेरे हैँ मैँ वहीँ हूँ जहाँ हम अलग हुये थे "
 मै आज भी 
तुम्हारा इन्तजार कर रहा हूँ
 क्योँकि मुझे आज भी उस कसम के मायने पता हैँ 
जिसमेँ हम ने साथ मन्जिल तय करने की बात कही थी ,
 मैँ नहीँ भूला पर शायद तुम ..... पता नहीँ !                       
                                              
                         ............Anurag Misra